1 Part
220 times read
11 Liked
इतने कदम चलूं कि चल चल के थक जाऊं कितना और चलूं कि मैं तुमको पा जाऊं। कैसे भावों को मर्यादा पहनाऊँ मैं कैसे प्रेमी से साधू भी बन जाऊं मैं ...